आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र की मोदी और राज्य की कांग्रेस सरकार पर लाखों दलित विद्यार्थियों समेत सैंकड़े सरकारी और गैर सरकारी प्रोफेशनल और डिग्री कालेजों-यूनिवर्सिटियों और हजारों की संख्या में टीचिंग और नान -टीचिंग स्टाफ का भविष्य तबाह करने का गंभीर आरोप लगाया है।
'आप' हैडक्वाटर द्वारा जारी बयान में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और एस.सी विंग के प्रधान व विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर और सह-प्रधान व विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी ने कहा कि राज्य के सैंकड़े कालेजों और प्रमुख यूनिवर्सिटियों का पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के अंतर्गत मिलने वाला 1700 करोड़ रुपए का बकाया केंद्र और राज्य सरकार की तरफ खडा है, जिस का नुकसान दलित विद्यार्थियों, शिक्षा संस्थाओं और स्टाफ को उठाना पड़ रहा है।
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि साल 2017-18 में केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुई वजीफा राशि का पंजाब सरकार ने अभी तक उपयोग प्रमाणपत्र (यूसी) नहीं दिया। जिस कारण जहां साल 2018-19 और वर्तमान साल 2019 -20 का 1000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया सरकारों की तरफ खडा है। वहीं साल 2018-19 में पंजाब के प्रोफेशनल और डिग्री कालेजों और यूनिवर्सिटियों में एक लाख से अधिक दलित विद्यार्थी उच्च या प्रौफेशनल शिक्षा लेने से वंचित रह गया।
कैप्टन और मोदी सरकार ने लाखों विद्यार्थी और सैंकड़े शिक्षा संस्थान किए तबाह -हरपाल सिंह चीमा
इतना ही नहीं राज्य और केंद्र सरकार के नकारात्मक व्यवहार के कारण ढुड्डीके, गोन्याना, बाघा पुराना समेत पंजाब में 50 के करीब प्राईवेट प्रौफेशनल कालेजों को ताला लग गया और सरकार की अपनी पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला समेत सैंकड़ों कालेज-यूनिवर्सिटियों पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है। हजारों टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ को नौकरियों से हाथ धोने पड़ गए हैं और हजारों पर तलवार लटक रही है।
मनजीत सिंह बिलासपुर और कुलवंत सिंह पंडोरी ने कहा कि पंजाब खास कर फाजिल्का, दाखा, फगवाड़ा और मुकेरियां के लोगों और दलित विद्यार्थियों को राज्य सरकार के लिए कांग्रेस से और केंद्र सरकार के लिए अकालियों और भाजपा नेताओं से इस नाकामी का उप-चुनाव के दौरान हिसाब मांगना चाहिए।